Assam IPS Officers Suicide: IPS अधिकारी ने की आत्महत्या

 IPS अधिकारी की पत्नी के कैंसर से निधन के कुछ ही मिनटों में अधिकारी ने की आत्महत्या!

Assam IPS officer sucide

Assam: असम के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शीलादित्य चेटिया ने अपनी पत्नी के कैंसर से निधन के कुछ ही मिनटों बाद आत्महत्या कर ली। शीलादित्य, जो असम सरकार के गृह और राजनीतिक विभाग के सचिव थे, ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। यह घटना असम के पुलिस विभाग के लिए एक झटका है और समाज में गहरे सवाल उठाती है।


 दिल दहला देने वाली घटना

शीलादित्य चेटिया की पत्नी, अगोमोनी बारबरुआ, लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं और गुवाहाटी में इलाज करा रही थीं। इलाज के बावजूद, वह जीवन की जंग हार गईं और 18 जून को अस्पताल में उनका निधन हो गया। अपनी पत्नी की मृत्यु की खबर सुनकर, शीलादित्य चेटिया ने इस दर्द को सहन नहीं कर सके और कुछ ही मिनटों में आत्महत्या कर ली।


पुलिस विभाग में शोक की लहर

असम पुलिस के महानिदेशक जी.पी. सिंह ने शीलादित्य चेटिया की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "2009 बैच के आईपीएस अधिकारी शीलादित्य चेटिया का निधन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उनकी पत्नी के निधन के कुछ ही मिनटों में अधिकारी ने आत्महत्या कर ली। यह असम पुलिस विभाग के लिए एक शॉकिंग घटना है। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।"

 

व्यक्तिगत त्रासदी और पेशेवर जिम्मेदारियाँ

शीलादित्य चेटिया, जो डीआईजी रैंक के अधिकारी थे, पिछले चार महीनों से अपनी पत्नी के गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण लंबी छुट्टी पर थे। यह घटना दर्शाती है कि चाहे व्यक्ति कितना भी उच्च पद पर हो, व्यक्तिगत जीवन की त्रासदियाँ किसी को भी तोड़ सकती हैं।


मानसिक स्वास्थ्य और समाज की जिम्मेदारी

यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और इसके प्रति समाज की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाती है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और दुख की घड़ी में एक-दूसरे का सहारा बनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। शीलादित्य चेटिया और उनकी पत्नी की इस दुखद कहानी से हमें सीख लेनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने आसपास के लोगों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।


निष्कर्ष

शीलादित्य चेटिया और उनकी पत्नी अगोमोनी बारबरुआ की यह हृदयविदारक घटना एक चेतावनी है कि हमें अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना चाहिए और उनकी भावनात्मक जरूरतों को समझना चाहिए। आइए हम सभी मिलकर इस प्रकार की त्रासदियों को रोकने का प्रयास करें और एक संवेदनशील और समझदार समाज का निर्माण करें।

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